Sunday, December 3, 2017

दिव्यांगजनो को समर्पित मेरी कविता

अंतरास्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर ,मेरे द्वारा रचित एक कविता सभी दिव्यांग साथियों को समर्पित ✍✍✍✍✍✍👇
                   
                  【मेरे हिस्से का आकाश】

मैं जो भी हूँ जैसा भी हूँ अपने बजूद को पहचानता हूँ,
आपको भी मेरी पहचान का सम्मान करना होगा|
मेरे हिस्से का आकाश मुझे देना होगा||

मेरे पैरों में भी ऊंची उड़ान का हौसला है,
माँ-बाप और देश को गौरवांवित करने का इरादा है|
विस्वास दिलाता हूँ, मैं भी कुछ कर दिखलाऊंगा ||
मुझे कोई खैरात नहीं ,मेरा अधिकार देना होगा|
मेरे हिस्से का आकाश••••••••

मेरे प्रयास हो सकता है कुछ धीमे से लगें,
पर अनवरत चल आगे बढ़ने की ठानी है|
बनकर मेरा हमराही,मुझे बस हौसला देना होगा,
मेरे हिस्से का आकाश•••••••

सब पढें, सब बढें
फिर मेरी राह में ही क्यों रोडे अड़े
मेरे स्कूल की सीढ़ियां मुझे डराना चाहती हैं|
सरकारों सुनो!मुझे भी शिक्षा का अधिकार देना होगा,
मेरे हिस्से का आकाश••••••••

गर कुछ करना ही है,
तो मेरे लिए ये सारी बंदिशे हटा दो|
शब्दावली से लंगड़ा,गूँगा, पागल जैसे शब्द मिटा दो,
सुगम्य समाज, समान अवसर ,रोज़गार का अधिकार देना होगा|
मेरे हिस्से का आकाश मुझे देना होगा||
★★★★★★★★★★★★★★★★★
©प्रवल यादव
   विशेष शिक्षक

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